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श्रीलंका में अराजकता के बीच भारत ने कहा, हम है श्रीलंकाई जनता के साथ

भारत ने श्रीलंका की स्थिति पर प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हम श्रीलंकाई जनता के साथ खड़े हैं. साथ ही भारत ने श्रीलंका के लोगों  से कहा है कि वे लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी आकांक्षाओं को साकार करें

नई दिल्ली : 

श्रीलंका (Sri Lanka) में बढ़ती अराजकता के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान आया है. भारत ने कहा है कि हम श्रीलंकाई जनता के साथ खड़े हैं. साथ ही भारत ने श्रीलंका के लोगों से कहा है कि वे लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी आकांक्षाओं को साकार करें. बता दें कि श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है. शनिवार को ही प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के स्विमिंग पूल में कूदते और तैरते नजर आए थे. माना जा रहा है कि गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को पद से इस्तीफा दे सकते हैं.

श्रीलंका में बढ़ती अराजकता के बीच भारत ने कहा, हम श्रीलंकाई जनता के साथ खड़े हैं...
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नई दिल्ली : 

श्रीलंका (Sri Lanka) में बढ़ती अराजकता के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान आया है. भारत ने कहा है कि हम श्रीलंकाई जनता के साथ खड़े हैं. साथ ही भारत ने श्रीलंका के लोगों से कहा है कि वे लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी आकांक्षाओं को साकार करें. बता दें कि श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है. शनिवार को ही प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के स्विमिंग पूल में कूदते और तैरते नजर आए थे. माना जा रहा है कि गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को पद से इस्तीफा दे सकते हैं.

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि श्रीलंका हमारी नेबरहुड फर्स्ट नीति में केंद्रीय स्थान रखता है, इसलिए भारत ने इस वर्ष 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर का अभूतपूर्व समर्थन श्रीलंका को दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने श्रीलंका की स्थिति पर कहा कि हम श्रीलंका की चुनौतियों से वाकिफ हैं जिनका श्रीलंका और उसके लोग सामना कर रहे हैं. 

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और श्रीलंका नजदीकी पड़ोसी हैं. हम दोनों देश गहरी सभ्यता के बंधन से जुड़े हैं. भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है, क्योंकि उन्होंने इस कठिन दौर से उबरने की कोशिश की है.

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करीब 2.2 करोड़ लोगों का देश श्रीलंका आर्थिक उथल पुथल की चपेट में है. श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है, जब विदेशी मुद्रा की कमी से उसे जूझना पड़ रहा है. देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के आवश्यक आयात के लिए भुगतान तक नहीं कर पा रहा है. इसके चलते लोग केंद्रीय नेतृत्व से बेहद नाराज हैं और उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं

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