HOME

ज्ञानवापी मैं शिवलिंग है या कोई और पत्थर रूपी चीज 30 मई को सामने आएगा सच जारी होगा वीडियो

दिन प्रतिदिन ज्ञानवापी मंदिर में शिवलिंग को लेकर लोगों के बीच में काफी ज्यादा उत्सुकता और यह जानने की इच्छा बढ़ चुकी है कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर दरअसल है क्या कुछ लोगों का मानना है कि वहां पर पहले पुराना मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बना दिया गया वहीं पर कुछ लोगों का यह भी कहना है कि मस्जिद के अंदर मिलने वाले अवशेष है वह शिव जी के शिवलिंग के जैसे हैं यह मुद्दा लोगों से उठ कर के 4 तारीख के कोर्ट में पहुंचा है और इसमें मस्जिद कमेटी के जिला जज की अदालत को प्रथम पत्र दिया है इसमें मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन ने जो सर्वे किया है उसकी रिपोर्ट सर्वे जारी करना है

कहने का मतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जो भी सर्वे हुआ है उस सर्वे के बाद जो भी अवशेष या जो भी हकीकत उस मस्जिद के बारे में मिली है उसका एक पूरा वीडियो बनाकर के लोगों द्वारा एक न्यूज़ की तरह पेश किया जाए ताकि बाहर वेट कर रहे जनता को ज्ञानवापी मस्जिद की हकीकत पता लग सके कि वहां पर पुराने काल से चलता आ रहा कोई मस्जिद है या फिर प्राचीन काल में वहां पर कोई शिवजी से जुड़ा कोई पुराना मंदिर था जिस पर मस्जिद की परत और दीवार से एक मस्जिद खड़ा कर दिया गया

वाराणसी जिले के कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का वीडियो जारी करने का आदेश जारी कर दिया गया है मस्जिद के अंदर शिवलिंग है या शिवलिंग जैसा कोई और पत्थर और इसकी पूरी जानकारी इसका सच आपको 30 मई को देश के सामने आने वाली एक वीडियो के जरिए होगा उम्मीद है कोर्ट इस दिन सर्वे का वीडियो और फोटो जारी करेगी

आपको बता दें कि इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाले अंजुमन मस्जिद कमेटी के जिला जज की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया था इस पत्र में मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन ने जो सर्वे किया है उसमें वीडियो और फोटो सार्वजनिक ना किया जाए इससे साथ ही वाराणसी के डीएम के पास हिंदू पक्ष की ओर एक चिट्ठी भेजी गई जिसमें कोर्ट के कमिश्नर ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को वीडियो और फोटो में कन्वर्ट करा कर पब्लिक डेमो में लाने का और प्रकाशित करने पर प्रबंध लगाने की मांग की गई है

कमिश्नर को फोटो सार्वजनिक ना करने की मांग

संतान संघर्ष प्रमुख श्री जितेंद्र सिंह बिसेन ने जिले मजिस्ट्रेट से गुहार लगाई है कि ज्ञानवापी कमीशन को फोटोग्राफी या वीडियो प्रकाशित नहीं होनी चाहिए इन सामग्री को किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर साझा ना किया जाए यह कोर्ट की संपत्ति है और कोर्ट तक सीमित रहें अन्यथा राष्ट्रीय विरोधी तक इसकी लहर माहौल बिगड़ सकता है संप्रदायिक शहर से और खतरे हो सकते हैं राष्ट्र विरोधी ताकतों को सक्रिय होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है किसी भी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर साझा करने का प्रयास के लिए लिप्त पाए जाने वाले अवशेष प्रधानों को सख्त कानून की कार्रवाई होनी चाहिए

रिपोर्ट में कितनी बातों का जिक्र हुआ है

रिपोर्टों में पेज नंबर 7 से सर्वे की जोड़ी बेहद अहम बातें लिखी हुई है इसमें न्यूज़ के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तालाब के बीचो बीच मिलने वाले शिवलिंग लुमा आकृति का भी जिक्र किया है जिसमें यह बताया गया है कि हालांकि वह सर्वे की रिपोर्ट में खुलासा किए जाने का दावा किया जा रहा है सर्वे के दौरान वकील कोर्ट कमिश्नर ने नगर निगम के कर्मचारी को बाजू खाने यानी की फौज में सीढ़ी लगाकर बीच में भेजा हज का पानी निकलवा कर मछलियों की सुरक्षा करने के लिए मत्स्य पालन अधिकारियों को मौके पर बुलाकर सलाह दी गई मच पालन अधिकारी ने कहा कि 2 फीट नीचे तक पानी रहने से मछली जीवित रहेगी फिर इसी सलाह के मुताबिक पानी से 2 फीट ही किया गया पानी कम करने पर काली गोल कला पत्थर ना करती दिखाई दी इसकी ऊंचाई लगभग 2.5 फीट थी स्केटिंग की गोल सफेद पत्थर दिखाई पड़ा जो कि पूरी तरीके से यह दर्शाता है कि वहां पर एक शिवलिंग था जब तक का कोई वीडियो या कोई नहीं होता तब तक ऐसी बातें बोलना गलत साबित हो सकता है

कुछ लोगों ने विरोध किया कुछ लोगों ने सपोर्ट किया अंदर की खुलासे के लिए

कुछ कम्युनिटी जो मोमडन के साथ ही और कुछ कम्युनिटी जो हिंदू धर्म के साथ ही उन लोगों ने मिलकर के जज से और अपने न्यायाधीश से एक गुहार लगाई थी कि अंदर की चीजों को बाहर ना ना सही नहीं है क्योंकि अगर अंदर की चीजें बाहर आती है पब्लिक के बीच में तो वह मैटर एक राष्ट्रीय लेवल पर काफी ज्यादा हिंसा वाला हो सकता है लोग आपस में जाति विवाद के लिए लड़ सकते हैं जिससे लड़ाई घनघोर होने के बाद यह मुद्दा एक बड़े लेवल पर हिंदू मुस्लिम बात की लड़ाई छिड़ सकती है तो ज्ञानवापी में सम्मिलित जितने भी जज और जो भी केस है उसको इसको कोर्ट तक रखने की गुहार लगाई है अब देखना यह है कि 30 मई को खुलासे में क्या पता लगता है या ज्ञानवापी मस्जिद सही में मस्जिद था या फिर वहां पर कोई और मंदिर था जिसे आज मस्जिद के नाम से जाना जाता ता है और क्या 30 मई को वह सारी चीजें रिवील करेंगे जिस चीजों को यह साबित करते हैं कि वहां पर पहले शिवलिंग था क्या जज इस बात का जो कि अपने सर ले कि अगर कल को मस्जिद को लेकर के और मंदिर को लेकर कि हिंदू और मुस्लिम में लड़ाई छिड़ जाती है तो आपको इस पोस्ट के दौरान आने वाली हर एक गतिविधि का पता लगता रहेगा आप इसे फॉलो करना बिल्कुल ना भूलें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *